कोरस: तेरे दिल के द्वार पर, यीशु खटखटाता,
खोलो तुम दरवाजा, वो है आना चाहता
1. बनना चाहता है वह, हाँ हाँ तेरा ही मेहमान आज,
तेरा रंज ओ फिक्र, वह उठाना चाहता
2. खुशी अपनी देता, हाँ हाँ होवे तू जलाली,
रात दिन तेरे साथ ही, वह है रहना चाहता
3. तेरे खातिर मैंने हाँ हाँ पहिना ताज कटीला,
तुझको अब जलाली ताज हूँ मैं पहिनाता
4. बेवफा न हो तू हाँ हाँ मेरे खून खरीदे,
कर मेरा इकरार तू मुझसे क्यो शरमाता
5. खोलता हूँ दरवाजा, हाँ हाँ दिल का एै मसीहा,
आ और इस में रह तू मैं हूँ दिल से चाहता
6. यीशु प्यारो कहता, हाँ हाँ किमती वक्त है जाता,
वक्त गया जो प्यारों वापस फिर नही आता
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