को: पहुंचोगे उस पार तुम सियोन के यात्री,
लहरों को देख कर डरना नहीं
सागर को आंधियों को जिसने बनाया
वो है कश्ती में तेरे।
1. विश्वास की नईया में जब जाओगे पार
हारेगा जब मन खेते-खेते पतवार
डरना नही यीशु साथ है तेरे
पहुंचाएगा तुझे वह मंजिल पे तेरे
2. तेरा वतन यहां है कहाँ
परदेशी मुसाफिर है तू यहाँ
है उस पार तेरा अबदी अतन
हो रहा तैयार जहाँ स्वर्गीय वतन
3. मेमने की महिमा है रौशनी वहाँ
जिससे वहाँ हर कण रौशन रहेगा
पहिनाएगा वह आनन्द का लिबास
देगा तुझे वो महिमा का ताज
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