को: यहोवा चरवाहा मेरा, कोई घटी मुझे नहीं है
हरी चराइयों में मुझे, स्नेह से चराता वो है
1) मृत्यु के अंधकार से, मैं जो जाता था
प्रभु यीशु करुणा से, तसल्ली मुझे दी है,
2) शत्रुओं के सामने, मेज को बिछाता वो है
प्रभु ने जो तैयार की, मन मेरा मगन है
3) सिर पर वो तेल मला है, अभिषेक मुझे किया है
दिल मेरा भर गया है, और उमड़ भी रहा है
4) सर्वदा प्रभु के घर में, करूँगा निवास जो मैं,
करूणा भलाई उसकी, आनंदित मुझे करती है
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