- 1) जंगली दरख्तों के दर्मियान
- एक सेब के पेड़ के समान,
- नज़र आता है मुझे ऐ मसीह,
- सारे संतों के बीच में तू
- को: हम्द करूँ तेरी ऐ प्रभु,
- अपने जीवन भर इस जंगल के सफर में,
- गाऊँ शुक्रगुजारी से मैं
- 2) तू ही है नर्गिस खास शारोन का,
- हाँ तू सोसन भी वादियों का,
- संतों में तू है अति पवित्र,
- कैसा कामिल और शान से भरा
- 3) इत्र के समान है तेरा नाम,
- खुशबू फैलाता है जहान में,
- तंगी मुसीबत और बदनामी में,
- बना खुशबूदार तेरे समान
- 4) घबराहट की लहरों से गर,
- डूबूं दुःख के सागर में,
- अपने ज़ोरावर हाथ को बढ़ा,
- मुझे अपने सीने से लगा
- 5) अभी आ रहा हूँ तेरे पास,
- पूरी करने को तेरी मर्ज़ी,
- ताकि दे दूँ मैं काम को अंजाम,
- पाऊँ तेरे दीदार में ईनाम
Thursday, September 3, 2020
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