1) क्रूस के पास तू मुझे रख यीशु प्यारे त्राता
पापी वहाँ सोते से सेंत में मुक्ति पता
को: क्रूस की मैं नित्य बड़ाई करूँगा
जब तक मैं आनन्दित हो पार न पहुँचूँगा
2) क्रूस के पास जब मैं आया प्रेम और कृपा पाई
वहाँ किरण सूर्य की मेरे दिल में आई
3) तेरी दया क्रूस के पास मुझे पहुँचावे
मेरे ऊपर सदा लो क्रूस की छाया आवे
4) क्रूस के पास मैं ठहरूँगा नित्य भरोसा रख के
जब तक मैं न देखूँगा हर्ष को तेरे घर के
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