को: हे ईश्वर सेवा में अपनी मुझको ले
आत्मा बचाई जाए मेरे जीवन से
1) तू कुम्हार मैं मिट्टी मेरी तुझसे है विनती
मुझको एक बर्तन बना जिससे तेरी हो महिमा
जीवन भर चलता रहूँ तेरी संगत में
2) तेरे बिना मैं कुछ भी नहीं जीवन में कुछ रखा नहीं
मेरे जीवन को तू ले अपने हाथों से इसे
एक अच्छा बर्तन बना अपनी ईच्छा से
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