को: दिल मेरा ले ले प्यारे यीशु
तूने इसे बनाया है
इसमें तू अपना घर बना ले
जिसके लिये यह बनाया है
1) दुनिया की सब चीज़ें निकालकर
इसे पाक - ओ - साफ कर,
गंदगी गुनाहों की तू धोकर,
उस खून से जो बहाया है
2) बहुत साल मैं रहा तुझसे दूर
लापरवाही ने किया दूर
फज़ल प्यार रहम की बख्शीश नेकी,
सबर कर मुझे सिखाया है
3) जब पढ़ता हूँ कलाम-ए-पाक
जो रास्ता है शाहेराह
राह हक्क और जिन्दगी अब्दी,
ईमान उम्मेद बढ़ाया है
4) रूह-ए-पाक का हो जाये मस्कन,
रूह-ए-पाक के बपतिस्मे से,
हर वक्त हर जगह दूँ गवाही,
जैसा उसने सिखाया है
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