याह की स्तुति करो
मसीह में मेरे प्रिय भाइयों तथा बहनों। हम अपने पिता परमेश्वर, अपने अब्बा, अपने सृजनहार को अपने व्यस्त जीवन में कितनी बार याद करते हैं या उन्हें (परमेश्वर पिता) अपने जीवन में प्रथम स्थान देते हैं। उड़ने वाले पक्षी भी, सूरज भी, क्या नदी, क्या पेड़ - पौधे, सृष्टि भी, सभी यहोवा की आराधना करते हैं, उसकी महिमा करते हैं। परंतु हम मनुष्य अपने आशीषित जीवन होने के बावजूद क्या हम याह की स्तुति करते हैं? क्या दाऊद की तरह हम उनका भजन गाते हैं? क्या हर दिन सर्वप्रथम हम परमेश्वर को याद करते हैं? उनको अपने जीवन में प्रथम स्थान देते हैं? शायद नहीं! बाइबल खोल कर देख ले - चाहे पुराना नियम हो या नया नियम हर एक पुस्तक हमें यहोवा की स्तुति करने की हिदायत देती है - जैसे यशायाह 38:18-19 में हम पाते हैं - "क्योंकि अधोलोक तेरा धन्यवाद नहीं कर सकता, न मृत्यु तेरी स्तुति कर सकती है; जो कब्र में पड़ें वे तेरी सच्चाई की आशा नहीं रख सकते। जीवित, हाँ जीवित ही तेरा धन्यवाद करता है, जैसा मैं आज कर रहा हूं"।
इसलिए हम जो जीवित हैं वे पिता, पुत्र व पवित्र आत्मा के गवाह है। अपनी जीवित अवस्था में, संपूर्ण हृदय की गहराई से अपने सच्चे, धार्मिक, न्यायी, पवित्र, त्रिएक परमेश्वर की स्तुति करो। जैसा पुत्र (यीशु मसीह) ने किया आओ हम भी करें। अपने पिता का नाम ऊंचे पर उठाए। उसके अस्तित्व को पहचाने और उनकी आज्ञाओ को मानते हुए उनके संग रहने की बॉट जोहे!
प्रभु परमेश्वर आप सभी को इस वचन के द्वारा आशीष दे। आमीन
By Mrs. Snehi Sonali Soren
It's inspiring ! God Bless You...
ReplyDeleteBeautiful article !! Enriching the soul!! Looking forward for more godly piece!
ReplyDeleteThanku all and please remember me in ur prayer so i can grow in the Lord's word strongly n sincerely
ReplyDeleteYes it's really inspiring us gud thought.. God's richest blessings to u and ur family.
ReplyDeleteYes it's really inspiring us gud thought.. God's richest blessings to u and ur family.
ReplyDeletePraise the lord...god bless u and ur family dear
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