जब अच्छे लोग बूरा निर्णय लेते है

दाऊद के जीवन में सब कुछ शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था। उन्हें इस्राएल के राजा के रूप में अभिषेक किया गया था। राजा शाऊल के शाही महल में संगीत बजाने के लिये उन्हें लिया गया था। गोलियत को मारने के बाद, उन्हें सेना में पदोन्नत किया गया था और कप्तान बनाया गया था। उन्होंने राजा शाऊल की बेटी से शादी की और वे राजा के पुत्र, योनातान के सबसे अच्छे मित्र बने। फिर चीजे बदलने लगे। वे शाऊल राजा के अनुग्रह से गिर गये जिसने उन्हें मारने की कोशिश की और फिर दाऊद को अपने जीवन के लिये भागना पड़ा। पर, तब भी, जब वे अपने शत्रु से भाग रहे थे, दाऊद अच्छे से चले। शाऊल की जिंदगी छीनने का अवसर मिलने पर भी उन्होंने उसे बचाया। उन्होंने उन लोगों को दया दिखाया जिन्होंने उसे नुकसान पहुँचाया। उन्होंने लगातार परमेश्वर की दिशा अपने जीवन के लिये दूँढ़ा और उन्होंने विश्वास किया कि एक दिन उसके जीवन में परमेश्वर के सारे वादे पूरे होंगे। फिर एक दिन उनकी मानसिकता बदल गयी। दाऊद को लगा कि परमेश्वर उसके बारे में भूल गये थे। ऐसे लग रहा था कि उसके दुश्मन प्रबल होंगे। वे हतोत्साहित, निराश बन गये और निराशा के गड्ढे में फँस गये। तब उन्होंने एक मूर्खतापूर्ण निर्णय लिया जो उसके जीवन में गंभीर परिणाम पैदा करेगा। उसने परमेश्वर की योजना छोड़ने का फैसला किया और अपनी खुद की योजना तैयार किया। वो पलिश्तियों की भूमि पर गया और उसने सीधा परमेश्वर के दुश्मनों से मदद माँगा!
दाऊद उन लोगों का चित्रण अच्छे से करते है जो परमेश्वर का अनुग्रह द्वारा बचे है और जिन्होंने परमेश्वर के साथ चलना शुरु की है। पर रास्ते में कहाँ तो चीजे वैसे नहीं चली जैसे उन्होंने कल्पना की थी और फिर वे पराजित, निराश और हतोत्साहित हो गये। उनके कमजोर स्थिति में उन्होंने गलत निर्णय लिया जिसका परिणाम भयानक था। प्रिय दोस्तों, अपने दिल पर भरोसा करने से सावधान रहे! यदि आप आपके दिल की सुनेंगे तो आप आध्यात्मिक समझौता कर बैठेंगे और जीवन में पीछे हट जाओगे!
प्रार्थनाः प्रिय प्रभु, जब चीजे बदलती नहीं है और वैसे नहीं होती है जैसे मेरी इच्छा है, तब मेरी मूर्खता में मुझे मेरे दिल पर भरोसा करके गलत निर्णय नहीं लेना चाहिये। मुझे आपके वादों को पकड़कर अंत तक विश्वास में दृढ़ खड़े रहना चाहिये। आमीन।
By Rev. Anand Rao
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