इफिसियों 2ः 1-10
*यह उनकी कृपा है और सिर्फ उनकी कृपा*
‘‘....हमारे धर्म के काम सब के सब मैले चिथड़ों के समान हैं।“ (यशायाह 64ः 6)
हमें याद रखना चाहिए कि हमारे सबसे अच्छे प्रयासों से भी हम स्वर्ग में जगह हासिल नहीं कर सकते हैं। यह केवल कृपा और सिर्फ कृपा है जिस के द्वारा हम बच सकते हैं। अपने मिशन क्षेत्र में, एक मिशनरी को अपने और अपने परिवार के लिए कई कार्य करने थे। जैसे-जैसे उसका छोटा बच्चा बड़ा होता गया तो वह बच्चे के लिए एक खाट बनाने लगा। उसने लकड़ी को कई टुकड़ों में काटा और उसने उन सभी को उनके उचित स्थानों पर रखना शुरू कर दिया। परंतु उसकी पत्नी को लगा कि बाहर का शेड काम करने के लिए बहुत ठंड है, इसलिये उसने सारे सामग्री को रसोई में लाया और फिर से काम करना शुरू कर दिया। जब खाट तैयार हो गई, तो बच्चे को उसमें लिटाया गया और उसके माता-पिता उसे निहारकर देख रहे थे। अचानक मिशनरी पिता को एक परेशान करने वाला विचार आया। यदि दरवाजे के माध्यम से खाट गुजर नहीं सका तो!। उसने रसोई से खाट बाहर लाने की कोशिश की पर अफसोस, यह नहीं हो सका! खाट दरवाजे से गुजरने के लिये एक इंच ज्यादा चैड़ी थी!
प्रिय दोस्तों, हम में से कई इस मिशनरी जोड़ी की तरह हैं। हम अपना जीवन अपनी योजनाओं के अनुसार व्यतीत करते हैं। हम घर बनाते हैं, नौकरियाँ लेते हैं, हमारे जीवन साथी को चुनते हैं, निवेश करते हैं या जैसा चाहें पैसा खर्च करते हैं, पूरी तरह से अपनी बुद्धि और ज्ञान पर निर्भर करते हैं। हम विश्वास करते हैं कि परमेश्वर हमारी अपनी सरलता, हमारी अपनी ऊर्जा और प्रयास और हमारी अपनी अच्छाई से प्रसन्न होंगे। लेकिन एक दिन आएगा जब हम अचानक एहसास करेंगे कि हमारे माप हमें स्वर्ग के दरवाजे के माध्यम से पारित करने की अनुमति नहीं देगा। आइए हम अब्राहम का उदाहरण लेते हैं - प्रभु ने अब्राहम से वादा किया था कि वे उसे एक बेटा देंगे लेकिन कई साल बीत गये, सारा अधीर हो गयी और उसने उसकी दासी हाजिरा को अब्राहम को दे दिया। उसने अपने ज्ञान और प्रयास पर भरोसा किया। परिणाम - हाजिरा ने अब्राहम को इश्माएल बेटा दिया। पर कुछ समय बाद, परमेश्वर ने अपना वादा रखा और सारा, जो बच्चे पैदा करने वाले वर्षों से परे थी, उसे इसहाक बेटा दिया। इश्माएल अंततः गुलामी का पुत्र बन गया, क्योंकि वह मानव सरलता, ऊर्जा और प्रयास के द्वारा पैदा हुआ था, बल्कि इसहाक, परमेश्वर द्वारा वादा किया हुआ बच्चा था, जो चमत्कारिक रूप से परमेश्वर के प्यार, शक्ति और अनुग्रह से पैदा हुआ और उसी ने अकेला परमेश्वर का आशीर्वाद विरासत में प्राप्त किया। तो आइए हम सावधान रहें कि हम अपने मानक, कौशल और प्रयास पर भरोसा न करें लेकिन केवल परमेश्वर की कृपा पर निर्भर करें।
*प्रार्थनाः* सर्वशक्तिमान परमेश्वर, मैं अपना जीवन उस योजना के अनुसार जी रहा हूँ, जो मैं निर्माण करता हूँ। मैं अपनी ऊर्जा, प्रयास, और बुद्धि पर भरोसा करता हूँ। मुझे यह याद दिलाने के लिए धन्यवाद कि ये सब करने से मैं आपका आशीर्वाद विरासत में प्राप्त नहीं कर सकूँगा और स्वर्ग में प्रवेश नहीं कर पाऊँगा, बल्कि केवल आपकी कृपा - सिर्फ आपकी कृपा से! यीशु के नाम में। आमीन।
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