*आत्मिक अमृत*
अध्ययनः* 1 शमूएल 1ः 1-
*हन्ना, परमेश्वर का चुना हुआ पात्र
‘‘वह बाँझ को घर में लड़कों की आनंद करनेवाली माता बनाता है।“ (भजन संहिता 113ः
1 शामूएल के 1 और 2 अध्याय में हम हन्ना के बारे में पढ़ते हैं। ‘‘हन्ना‘‘ का अर्थ ‘‘कृपा‘‘ है और वह अपने नाम पर खरी उतरी। परमेश्वर ने उसे अपने जीवन के अपमानजनक अवधि से गुजरने के लिये अनुग्रह दिया जिसकी उसे आवश्यकता थी - सबसे पहले, उसके पति एल्काना की दूसरी पत्नी पनिन्ना द्वारा चोट पहुँचने वाले अपमान सहने के लिये और फिर संतानहीनता का दर्द और शर्मिंदगी सहने के लिये। परमेश्वर ने उसे तब भी कृपा दिया जब गलत समझाये जाने पर और आलोचन की जाने पर उसे दया और धीरे से बात करने की आवश्यकता थी। 1 शमूएल 1ः 7 कहता है, ‘‘तब पनिन्ना उसको चिढ़ाती थी। इसलिये वह रोती और खाना न खाती थी।“ अध्याय का एक भी वचन ऐसा नहीं कहता है कि हन्ना ने जवाबी हमला किया, न ही उसने युद्ध किया या मौखिक रूप से उसके विरोधी, पनिन्ना पर हमला किया। हन्ना ने एली के साथ भी धीरज रखा जब उसने उस पर नशे में होने का झूठा आरोप लगाया। ये घटनाएँ उसके असीमित धैर्य को दर्शाती है जिसकी प्रशंसा किये बिना हम रह नहीं सकते हैं। इसके अलावा, हन्ना विश्वास की एक महिला भी थी। उसने खुद को परमेश्वर के लिए प्रतिबद्ध किया, बेटा माँगा और अपने तरीके और समय में जवाब देने के लिए उसने परमेश्वर का इंतजार किया। और परमेश्वर ने उसे पुत्र के साथ गर्भवती बनने और उसे प्रभु को समर्पित करने का अनुग्रह दिया! ऐसे समय थे जब जीवन हन्ना के लिए बहुत मुश्किल था लेकिन वह अपने विश्वास, आशा और प्रेम में बनी रही और अंततः उसने जीवन की लड़ाई जीत ली
प्रिय दोस्तों, इतिहास में हन्ना की भूमिका साधारण थी। उसे देबोराह जैसी सेना का नेतृत्व करने के लिए नहीं बुलाया गया था। एस्तेर की तरह, अपने लोगों के लिए राजा के सामने खड़े होकर हस्तक्षेप करने के लिए भी उसे बुलाया नहीं गया था। लेकिन उसे प्रार्थना करने के लिए बुलाया गया था, जो मनुष्य द्वारा किया गया सबसे शक्तिशाली कार्य है। उसकी प्रार्थना अभी भी कई लोगों के लिए आदर्श के रूप में है। उसकी प्रार्थना की खासियत यह थी कि उसने प्रभु को एक प्रतिज्ञा दिलाई कि जो बेटा वे उसे देंगे, उसे वह उन्हें देगी, उसके जीवन के सारे दिन के लिये वह उनकी सेवा करेगा! क्या विश्वास से भरी प्रार्थना है ये! प्रभु ने उसके विश्वास और धैर्य का सम्मान किया और उसके गर्भ को आशीर्वाद दिया। उन्होंने उसे एक साधारण बच्चा नहीं दिया, बल्कि वो दिया जो एक दिन इस्राएल के लिये एक नबी, एक याजक और न्यायाधीश के रूप में कार्य करेगा। जब हन्ना ने एक प्रतिज्ञा की कि वह उन्हें अपना सबसे अच्छा भाग देगी, तब प्रभु ने पुरस्कृत करते हुए उसे सबसे अच्छा दिया! हलिलुय! हन्ना का जीवन से हमें प्रेरित होना चाहिये ताकि हम जिस भी स्थिति में है, हमें परमेश्वर की सेवा करना चाहिये
*प्रार्थनाः* प्रभु, हन्ना के जीवन के लिए धन्यवाद जो विश्वास और असीमित धैर्य के लिये एक उदाहरण के रूप में खड़ा है। मुझे उनकी तरह एक प्रार्थना योद्धा बनना चाहिये - ऐसा संकल्प लेकर जो आपको खुश करें। मेरी प्रार्थना स्वार्थी नहीं होना चाहिये बल्कि एक ऐसा प्रार्थना होना चाहिये जिस से मेरे जीवन में आपका उद्देश्य पूरा हो। यीशु के नाम पर। आमीन
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