धन - यानी जीवन निर्वाह करने हेतु साधन। चाहे वह रुपए-पैसे, दौलत, सोना-चांदी या संपत्ति के रूप में हो। इंसान अपनी भौतिक जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए धन कमाने की होड़ में लगा हुआ है। सुबह 7:00 बजे से लेकर रात 1:00 बजे तक वह इसी दौड़ में लगा हुआ है, ताकि वह अपने परिवार को एक अच्छा संपन्न जीवन दे सके, बच्चों को उच्च शिक्षा दे सके, रिटायरमेंट के बाद आलीशान बंगला बनाने हेतु एवं विश्व भ्रमण करने की अभिलाषा को मन में संजोए वह इस कार्य में लगा हुआ है। इसलिए इस व्यस्त जीवन पर ब्रेक लगाने के लिए परमेश्वर पिता ने विश्वव्यापी रूप से इस प्रचंड महामारी को भेजा है। परमेश्वर पिता मनुष्य जाति का ध्यान अपनी ओर खींचना चाहते हैं। यहोवा पिता अपने वजूद को हम मनुष्य पर प्रगट करना चाहते हैं। आज हम इस लॉक डाउन में अपनी अंतरात्मा को खंगाले कि हम किस चीज के पीछे भाग रहे हैं? बाइबल हमें चेतावनी देती है 1 तिमोथी 6:7, 9, 10 और याकूब 5:1 - 3, 5
आइए हम उस स्वर्गीय धन के पीछे भागे जिसे न कीड़े और न काई बिगाड़ते हो और जहां चोर न सेंध लगाते और न चुराते हो। अब्राहम ने, नूह ने, मूसा ने, एलियाह ने उस स्वर्गीय धन को कमाने के लिए संघर्ष किया और विजय हुए। धन्य है वह मनुष्य जिसे व धन प्राप्त होता है।
आखिर स्वर्गीय धन क्या है?
स्वर्ग के राज्य में त्रिएक परमेश्वर जब हमारे अंदर समाहित होंगे तब हमें एक तेजोमय, पवित्र, युगानुयुग जीवित रहने वाला देह प्राप्त होगा। जीवन के पुस्तक में अपना नाम पाया जाना, एक श्वेत पत्थर में एक नाम अंकित होगा और उस व्यक्ति को छोड़ कोई और इस नाम को नहीं जान पाएगा, परमेश्वर पिता यह पत्थर हमें देना चाहते हैं। जीवन का मुकुट सिर्फ मनुष्य को दिया जाएगा, स्वर्गदूत भी इस नायाब - बहुमूल्य स्वर्गीय धन से वंचित है। विजयी मनुष्य जीवन के पेड़ में से फल खाने पाएगा, जो परमेश्वर के स्वर्गलोक में है। जो जय पाएगा उसे यीशु वायदा करते हैं कि उसे सिहासन पर बैठाऊँगा, जैसे मैं भी (यीशु भी) जय पाकर अपने पिता के साथ उसके सिहासन के दाहिने ओर बैठा हूँ । मनुष्य को परमेश्वर गुप्त मन्ना देना चाहता है। जाति-जाति के लोगों को अधिकार मिलेगा, और वह लोहे का राजदंड लिए उन पर राज्य करेगा, उन्हें भोर का तारा भी मिलेगा। परमेश्वर के मंदिर अर्थात नए येरूशलेम में एक खंभा बनने का सौभाग्य मिलेगा। पिता का नाम, पुत्र का नाम और नए येरूशलेम का नाम उस पर लिखा जाएगा (प्रकाशितवाक्य 3 :12)। इससे ज्यादा खुशनसीबी क्या हो जब स्वयं यीशु मसीह हमारे संग चला फिरा करेगे , घूमेगे (प्रकाशितवाक्य 3 :4)
कृपया सभी वक्त निकाले और इन बातों में चिंतन-मनन करें कि हमें नश्वर (भौतिक) चीजों के पीछे भागना है या स्वर्गीय (अविनाशी) धन के पीछे।
प्रभु यीशु का आना निकट है, अनुग्रह का समय समाप्त होने पर है, समय को बहुमूल्य जानो, मन फिराओ और परमेश्वर के आज्ञाओं को मानो, उनका भय मानो, अंत तक धीरज धरो और पवित्रता, प्रेम, निर्दोषिता में बढ़ते चले जाओ। परमेश्वर इन वचनों के द्वारा आप सभों को आशीष दे। आमीन!
By Mrs. Snehi Sonali Soren
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