अपने सारे ह्रदय से वंदना करें
उसके फाटकों में स्तुति करें और ललकारें
1) जिसने बनाया हमें वो है हमारा आधार
जिसने दी हमको सांस वो है हमारा उद्धार
उसकी हो जय जय हो आराधना जो है सभों का प्रधान
2) अपने सारे तन मन से हम उसकी महिमा करें
वो है शिफा और नजात उसकी प्रशंसा करें
वो है जग का त्राता और तारणहार उसकी हो जय जय सदा
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