1) रख तू मुझे क्रूस के पास, वहाँ मुक्त का सोता
सबके चंगा करने को, बहके सदा होता
को:- क्रूस ही को सदा लों धन्य मानता हूँगा
जब तक उसी राज्य को मैं न पहुँचूँगा
2) क्रूस के पास जब मैं रहा, तब ही मुक्ति पाई
वहाँ किरण सूर्य की, मेरे दिल में आई
3) क्रूस के पास अब पहुँचे, मुझे तेरी दया
मेरे ऊपर सदा ही, तेरे क्रूस की छाया
4) क्रूस के पास मैं रहूँगा, नित भरोसा करके
जब तक मैं न देखूँगा, सुख को तेरे घर के
Great song
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